नई दिल्ली। बिहार में महागठबंधन के टूटने के साथ ही बागी हुए जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेता शरद यादव के पार्टी पर दावे को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है।शरद यादव ने जेडीयू के पार्टी चिन्ह पर अपना दावा किया था। शरद यादव गुट द्वारा पार्टी पर दावा साबित करने के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। चुनाव आयोग में नीतीश गुट की जीत के साथ अब यह तय हो गया है कि नीतीश कुमार का जदयू ही असली है। दूसरी ओर शरद कैंप के सांसद अली अनवर ने आयोग के फैसले से असंतोष जताते हुए कहा कि वे कानूनी राय लेंगे। जरूरत हुई तो कोर्ट भी जाएंगे। जदयू के शरद गुट ने बीते 25 अगस्त को पार्टी सिंबल पर अधिकार जताया था। लेकिन, शरद यादव अपने दावे के पक्ष में अपेक्षित कागजात उपलब्ध नहीं करा सके।
शरद की दोवदरी के बाद जदयू ने भी चुनाव आयोग से मिलकर शरद के दावे के खिलाफ और अपने पक्ष में दावेदारी पेश की थी। जदयू का एक प्रतिनिधिमंडल सांसद आरसीपी सिंह के नेतृत्व में बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग से मिला और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए कहा कि शरद की दावेदारी का कोई आधार नहीं है। चुनाव आयोग ने कहा है कि दावे के साथ पर्याप्त समर्थन का दस्तावेज नहीं है। ऐसे में इस आवेदन पर कोई विचार ही नहीं किया जा सकता है। जबकि, नीतीश कुमार का खेमा पहले ही सांसदों, विधायकों और 145 राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के समर्थन की सूची दे चुका था। हालांकि, शरद यादव कैंप के पास फिर से आवेदन देने का अधिकार है, लेकिन जाहिर है कि आगे की लड़ाई बहुत मुश्किल हो गई है। शरद कैंप दोबारा आयोग में जाता भी है तो हस्ताक्षर के साथ समर्थन की सूची हासिल करना संभव नहीं होगा।