हिमाचल प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने आगामी चुनावों में सत्ता के लिए वोट मिलने पर बंदरों के झुंड द्वारा अक्सर राहगीरों पर किए जाने वाले हमलों और फसलों को बर्बाद करने की समस्या से निजात दिलाने का वादा किया है। पहाड़ी राज्य में तकरीबन 2000 गांव बंदरों के उत्पात से प्रभावित हैं। भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल ने बंदरों की बढ़ती संख्या पर काबू पाने के वास्ते नसबंदी अभियान नहीं चलाने के लिए कांग्रेस सरकार पर दोष मढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘बंदरों की बढ़ती संख्या पर काबू पाने के लिए उन्होंने असरदार तरीके से इस कार्यक्रम को नहीं चलाया। ’’
धूमल ने कहा, ‘‘हम किसानों को अपने खेतों के इर्द-गिर्द जाली लगाने के
लिए प्रोत्साहित करेंगे। हम अन्य आवश्यक कदम भी उठाएंगे क्योंकि यह समस्या
गांवों तक ही सीमित नहीं है, शहरों में भी फैल रही है । ’’ऊना से किस्मत
आजमा रहे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस
सरकार समस्या पर काबू पाने में नाकाम रही। सत्ती ने कहा कि नसबंदी के लिए
बंदरों को पकड़ने पर करोड़ों रूपये खर्च किए गए लेकिन उनकी संख्या बढ़ती ही
जा रही है।
बहरहाल, उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, ‘‘हमने नसंबदी अभियान
चलाया और दूसरे कदम भी उठाए। हम इस समस्या पर काबू पाने के लिए और कदम
उठाएंगे ।’’ वर्ष 2015 में बंदरों की गणना के मुताबिक शिमला नगर निगम
क्षेत्र में ही 2400 से ज्यादा बंदर थे और जंगल के आठ स्थानों को इसके लिए
चिन्हित किया गया है।
