वाशिंगटन। भारत और पाकिस्तान यहां सिंधु जल समझौते के तकनीकी मुद्दों पर उच्च स्तरीय बातचीत कर रहे हैं। विश्व बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ये बैठकें इस बातचीत का सिलसिला है कि दोनों देशों के लोगों के फायदे के लिए इस संधि की रक्षा कैसे की जाए।’’
प्रवक्ता ने बताया कि सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के तकनीकी मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच बैठकें 14-15 सितंबर को हो रही हैं। विश्व बैंक ने अगस्त में कहा था कि आईडब्ल्यूटी के अंतर्गत भारत को कुछ पाबंदियों के साथ झेलम और चेनाब की सहायक नदियों पर हाइड्रोइलेक्ट्रिक ऊर्जा संयंत्र का निर्माण करने की मंजूरी दी गई है।
उसने आईडब्ल्यूटी पर दोनों देशों के बीच सचिव स्तरीय वार्ता की समाप्ति पर जारी एक फैक्ट शीट में कहा कि पाकिस्तान, भारत द्वारा बनाए जा रहे किशनगंगा (330 मेगावाट) और रातले (850 मेगावाट) हाइड्रोइलेक्ट्रिक ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण का विरोध करता है। भारत और पाकिस्तान ने विश्व बैंक की मदद से नौ वर्षों तक चली बातचीत के बाद 1960 में आईडब्ल्यूटी पर हस्ताक्षर किए थे।