नई दिल्ली। रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रुख कायम है। केंद्र सरकार ने कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थी के तौर पर भी भारत में नहीं रह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर केंद्र की ओर से कहा गया है कि रोहिंग्या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं, ऐसे में ये शरणार्थी के तौर पर भी नहीं रह सकते हैं। केंद्र सरकार ने दिया सुप्रीम कोर्ट में जवाब केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत में इस जवाब के बाद साफ हो गया कि रोहिंग्या शरणार्थियों के निर्वासन को लेकर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
सरकार की ओर से पहले भी रोहिंग्या को भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया जाता रहा है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने जम्मू कश्मीर दौरे के दौरान रोहिंग्या मुसलमानों को जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। उस समय उन्होंने रोहिंग्या को देश से बाहर करने के लिए सख्त कार्रवाई की बात कही थी। राजनाथ सिंह ने कहा था कि हम ढाई दशक से आतंकवाद से जूझ रहे कश्मीर के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते हैं। बता दें कि करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान अवैध तरीके से भारत में शरण लिए हुए हैं। बता दें कि इन्हें बाहर करने के प्रस्ताव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने जवाब दिया है।