प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज म्यामां की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच व्यापक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महत्वपूर्ण मित्र स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से मिल रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री की म्यामां यात्रा ऐसे समय हो रही है जब राखिन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर जातीय हिंसा जारी है।
मोदी म्यामां से पड़ोसी देशों में रोहिंग्याओं के पलायन का मुद्दा उठा सकते हैं। भारत सरकार देश में रोहिंग्या विस्थापितों के आगमन को लेकर चिंतित है और उन्हें वापस भेजने पर विचार कर रही है। कहा जाता है कि भारत में लगभग 40 हजार रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं। मोदी ने अपनी यात्रा से पहले कहा था कि भारत और म्यामां सुरक्षा, आतंकवाद, व्यापार एवं निवेश, अवसंरचना, ऊर्जा तथा संस्कृति जैसे क्षेत्रों में मौजूदा सहयोग को भी मजबूत करना चाहते हैं।
मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में यहां पहुंचे हैं। पहले चरण में उन्होंने चीन के श्यामन शहर की यात्रा की जहां वह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा अन्य विश्व नेताओं से मुलाकात की। यह मोदी की म्यामां की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। इससे पहले वह 2014 में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में शामिल होने म्यामां पहुंचे थे। पिछले साल सू की और म्यामां के राष्ट्रपति ने भारत की यात्रा की थी। म्यामां भारत के रणनीतिक पड़ोसियों में से एक है और दोनों देशों के बीच 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा है।